बरसात में बढ़ जाती है सर्पदंश की घटना , सांप काट ले तो क्या करें ?

सांप काटने पर प्राथमिक उपचार कैसे करें , विषैले सांप की प्रजाति , सर्पदंश का उपचार एंटी वेनम Sanp Katane Par Prathmik Upchar , Vishailon Sanp Ki Prajati , कौन – कौन से सांप में जहर होता है , स्नेक रेस्क्यू कांटेक्ट नंबर , Snake Resqeu Contact Number , सांप काटने के चिकित्सकीय एवं प्राथमिक उपचार

सांप काट ले तो क्या करें – हैल्लो दोस्तों नमस्कार ,,, आज के इस आर्टिकल में हम सांप से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए है जिसे हम आप लोगो से शेयर कर रहे है। मानसून में बारिश शुरू होते ही जहरीले कीड़े , मकोड़े और सांप दिखाई देने लगता है। बारिश के दौरान सबसे ज्यादा सर्प दंश के मामले सामने आते है। हालाँकि सभी सांप जहरीले नहीं होते है।

बारिश के दौरान कुछ जरुरी सावधानियां बरतकर या सांप काटने के बाद त्वरित चिकित्सकीय उपचार लेकर हम खुद को सुरक्षित रख सकते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान पाएंगे की सांप काट ले तो क्या करें , क्या – क्या सावधानियां बरतें , कौन – कौन से प्रजाति के सांप में जहर पाया जाता है। उक्त सभी बिंदु पर महत्वपूर्ण जानकारी के लिए कृपया इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

प्राकृतिक संतुलन की व्यवस्था के मुताबिक़ सांप मनुष्य के शत्रु नहीं बल्कि मित्र है। सांप कितना भी बड़ा एवं जहरीला क्यों न हो उसे भी मनुष्य एवं दूसरे जीवों से डर लगता है। सांप यूंही मनुष्यों पर हमला नहीं करता बल्कि अपनी जान बचाने के लिए डर कर हमला करता है। मानसूनी बारिश शुरू होते ही घर के आसपास सांप का निकलना या दिख जाना आम बात हो जाती है।

जैसे -जैसे बरसात के मौसम आगे बढ़ते जाएगी वैसे – वैसे ही सर्प दंश के मामले भी बढ़ते जाते है। बारिश में हम कुछ सावधानियां बरतकर हम खुद एवं अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते है। सांप काट ले तो क्या करें , उसका उपचार क्या है , क्या – क्या सावधानियां रखनी होती है , जहरीले साँपों की प्रजाति उक्त सभी बिंदुओं पर सही एवं सटीक जानकारी के लिए कृपया इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ें।

सभी सांप नहीं होते जहरीले

प्रायः आप सभी को यह अच्छे से मालूम होगा कि सभी सांप जहरीले नहीं होते। केवल चार प्रजाति में ही जहर पाया जाता है। लेकिन हमारे देश सहित पुरे विश्व में सांप के कई प्रजातियां पाई जाती है। जहरीले सांप के काटने पर ही इंसानों की मौत हो सकती है और वह तभी संभव है जब तत्काल चिकित्सकीय उपचार न किया जाए। हालाँकि कभी – कभी लोग विषहीन सांप के काटने पर भी दहसत में हार्टअटैक से मर जाते है। वहीँ विषैले सांपों के काटने पर ज्यादातर मौते झाड़ – फूँक के चक्कर में होती है।

जहरीले सांपों में करैत , कोबरा , रसल वाइपर और सा – स्किल्ड वाइपर। यदि बात करें छत्तीसगढ़ प्रदेश की तो यहाँ क्रमशः तीनों प्रजाति के सांप पाया जाता है और सा – स्किल्ड वाइपर प्रजाति के सांप यहाँ नहीं पाया जाता। जानकारी के अभाव में किसी भी प्रकार के सांप जैसे विषैले या विषहीन सांप के काटने से दहसत पैदा हो जाती है और सांप के जहर के बजाय हार्ट अटैक से मौत हो जाती है।

सांप काट ले तो न घबराएं ,, अस्पतालों में उपचार उपलब्ध

डॉ. के अनुसार सर्पदंश से ज्यादा डर के मारे मरीज की हार्टअटैक से मौत हो जाती है। सांप काटने पर मरीज को जितना जल्दी हो सके अस्पताल पहुँचाना चाहिए। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में सर्प दंश में उपयोग होने वाली एंटीवेनम उपलब्ध रहता है। सांप काटने के बाद मरीजों को ज्यादा मूवमेंट नहीं करना चाहिए।

सांप काटने पर दो प्रकार के जहर शरीर में फैलता है। एक न्यूरोटॉक्सिक और दूसरा इमेटी टॉक्सिक। इमेटी टॉक्सिक खून में मिलकर उसे जमने से रोकता है जिस कारण लगातार खून बह सकता है। जहरीले सांप या विषहीन सांप के काटने पर मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए झाड़ – फूंक के चक्कर में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

सांप काट ले तो यह करें

सांप काटने के बाद मरीज को कई बातों पर ध्यान देना होता है साथ ही मरीज के साथ – साथ परिजनों को भी कई बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि किसी को सांप काट ले तो यह करना चाहि

  • मरीज को हवादार जगह में लिटा दे और उसे लगातार दिलासा देते रहें।
  • सर्प दंश वाले जगह को साफ़ पानी और साबुन से धो लेना चाहिए।
  • पीड़ित व्यक्ति को सीधा लिटाएं और उसे सोने न दे।
  • पीड़ित व्यक्ति को जल्दी से जल्दी अपने नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं।
  • जहर तेजी से न फैले इसलिए सांप के काटे गए स्थान के कुछ ऊपर हल्की पट्टी बांध देवें , ध्यान रहे पट्टी को हल्का बांधना है एकदम टाइट नहीं बांधनी चाहिए।
  • यदि संभव हो तो काटे हुए सांप की पहचान कर लेवें ताकि चिकित्सकीय उपचार में सहूलियत हो सके।

यह सावधानी अवश्य बरते

  • घर के आसपास कूड़ा कबाड़ जमा होने न दे।
  • बारिश के मौसम में जमीन पर न सोएं।
  • जूता पहनने से पहले उसे अच्छे से देख लेवें।
  • दरवाजा एवं खिड़की खुला होने पर उसे अच्छे से सील कर देवें।
  • अपने घर के आसपास ब्लीचिंग पाउडर , काली फिनायल का छिड़काव करते रहें।
  • बारिश के मौसम में रात को घर से बाहर न निकले अति आवश्यक होने पर ही टार्च के साथ ही बाहर जाएं।
  • रात में चलते समय रास्ते पर डंडा को पटकते हुए चले ताकि कम्पन / आवाज से आस पास के जीव रास्ते से दूर चले जाएं।

घर पर सांप दिखे तो कांटेक्ट करें

वैसे तो प्रायः हर जिले में स्नेक रेस्क्यू करने वाले लोग मिल जाएंगे। सांप प्रकृति के मित्र होते है इसलिए साँपों की सुरक्षा और लोगो की सुरक्षा दोनों जरुरी है। सांप निकलने या सांप काटने पर जरुरी सलाह या मदद के लिए प्रतिदिन लोगो की काल आती रहती है। यदि आप छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतर्गत बिलासपुर जिले के आसपास स्नेक रेस्क्यू कराना चाहते है तो 9755695959 और 9098099964 पर संपर्क कर सकते है।

सारांश – सांप के काटने पर आप मरीज की जान कैसे बचा सकते है , उसकी जानकारी हमने विस्तार से दिया है। यदि कभी भी किसी को सांप काट ले तो उसे प्राथमिक उपचार जैसे – काटे हुए जगह की साफ पानी और साबुन से धुलाई करना और काटे हुए स्थान के आसपास हल्की पट्टी बांधने के बाद तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। साथ ही मरीज को ज्यादा मूवमेंट नहीं करने देना चाहिए उसे दिलासा देते रहे और उसे सोने न दे। जितना जल्दी हो सके मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। कृपया इस जानकरी को सभी लोगो तक अवश्य शेयर करें ,,,, धन्यवाद।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )

सांप काटने का दवाई कौन सा है ?

सांप काटने का एकमात्र दवाई एन्टी वेनम होता है , जो सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध होता है।

क्या सभी सांप जहरीले होते है ?

जी नहीं , सभी सांप जहरीले नहीं होते है। केवल चार प्रजाति के सांप ही जहरीले होते है।

क्या सांप के कान होते है ?

जी नहीं ,सांप के कान नहीं होता , वह कम्पन एवं अपने जीभ के माध्यम से आसपास होने वाले गतिविधि , गंध आदि को महसूस करता है।

कौन – कौन से प्रजाति के सांप में जहर होता है ?

केवल चार प्रजाति के सांप में ही जहर होता है और वह है – करैत , कोबरा , रसल वाइपर और सा – स्किल्ड वाइपर प्रजाति के साँपों में ही जहर पाया जाता है।

सांप काट ले तो क्या करें ?

सांप काट ले तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। झाड़फूक और बैगा के चक्कर में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। त्वरित चिकित्सकीय उपचार से मरीज की जान बचाई जा सकती है।

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