नाबालिग को गाड़ी दिया तो खैर नहीं , माता पिता जायेंगे जेल

नए कानून लागू , नाबालिक बच्चों को न सौंपें वाहन – माता -पिता अपने नाबालिक बच्चों को सोच समझकर वाहन की चाबी थमाएं। नाबालिग द्वारा वाहन चलाने के दौरान दुर्घटना में किसी व्यक्ति की जान चली जाती है। ऐसी स्थिति में पुलिस आरोपी नाबालिक समेत उसके माता पिता पर भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी। नए कानून के तहत ऐसे मामलों में नाबालिक के माता पिता को भी अब जेल जानी पड़ सकती है।

नाबालिक को चाबी सौंपना कानूनी अपराध

नाबालिक को वाहन चलाने के लिए देना कानूनी रूप से अपराध है। मोटर वाहन कानून के अनुसार कार – बाइक या किसी भी वाहन को चलाने वाले की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए। यदि बच्चे नाबालिक है और उन्हें माता पिता उसे बाइक या कार चलाने के लिए देते है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।

यदि नाबालिक द्वारा वाहन एक्सीडेंट की जाती है और उक्त दुर्घटना में किसी की जान जाती है तो इस केस में नाबालिक के साथ माता – पिता को भी आरोपी माना जाएगा। मोटर वाहन कानून के अनुसार इस मामले में माता पिता को तीन साल तक की सजा और 25 हजार रूपये तक की जुर्माना हो सकता है। वहीँ 12 महीने तक के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।

मोटर व्हीकल एक्ट में भी स्पष्ट है कि नाबालिक को अगर माता – पिता या गाडी मालिक चाबी देते है और कोई सड़क हादसा होता है तो इस केस में माता – पिता के साथ गाडी मालिक भी उतना ही दोषी है जितना कि नाबालिक।

माता – पिता , नाबालिक सहित गाडी मालिक पर होगी कार्यवाही – पुलिस अधीक्षक

बिलासपुर एसपी रजनीश सिंह ने बताया कि 01 जुलाई से लागू नए कानून में कई प्रकार के संशोधन किए गए। यदि नाबालिक लड़का – लड़की वाहन चलाता है और दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में आरोपी नाबालिक , वाहन मालिक साथ ही उसके माता पिता के खिलाफ नए कानून के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। तत्काल नमनट मिलने की भी कोई संभावना नहीं है ,गंभीर दुर्घटना होने पर आरोपियों को जेल भी जाना पद सकता है। इस लिए नाबालिक बच्चों को वाहन न देवें।

जमानत में छूट जाता था नाबालिक

अभी तक नाबालिक वाहन चालक हो या बालिग चालकों द्वारा सड़क हादसा करने पर पुलिस द्वारा धारा 304 ए के तहत कार्यवाही की जाती थी। इसके तहत हादसा में चाहे जितने लोगों की मौत हो जाए , उस पर भी चालक के खिलाफ जमानतीय धारा के तहत केस दर्ज होता था। जबकि मृतक के परिवार को भारी छति पहुंचता है। इस छति की भरपाई जमानती कार्यवाही पर्याप्त नहीं है। अब नए कानून के तहत आरोपी नाबालिगको बाल सम्प्रेक्षण गृह भेजा जाएगा। साथ ही वाहन मालिक को जेल भी जाना पड़ सकता है।

रसूखदार अपने बच्चों को थमा देते थे महँगी गाड़ी

हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुबे के अनुसार रसूखदार अपने बच्चों को महँगी गाड़ी की चाबी थमा देते थे। नशे में तेज रफ़्तार से वाहन चलाते है और दुर्घटना में बेगुनाहों की जान भी चली जाती है। नए कानून के तहत यदि आरोपी वाहन चालक नाबालिग समेत माता – पिता व् वाहन मालिक को भी आरोपी बनाया जाएगा। इससे दुर्घटना में नियंत्रित आएगी। इसमें परिजनों को आरोपी बनाना बहुत जरुरी है। साथ ही गाडी का राजसात किया जाएगा। परिवार के अन्य सदस्यों का जीवन भर लाइसेंस न बनाया जाए।

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