धान उत्पादन की एरोबिक विधि क्या है , धान की एरोबिक विधि से खेती , कम लागत में धान की खेती कैसे करें, कम पानी में धान की खेती कैसे करें , Dhaan Utpadan Ki Aerobic Vidhi Kya Hai , Kam Pani Me Dhaan Ki Kheti Kaise Kare , Kam Lagat Me Dhaan Ki Kheti Kaise Kare , कम पानी और कम खर्च में धान की खेती कैसे करें
धान की एरोबिक विधि से खेती – धान खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है। प्रत्येक वर्ष माह मई एवं जून से धान की खेती की तैयारी शुरू हो जाती है। वैसे तो धान उत्पादन की कई परम्परागत विधि है , लेकिन आज हम आप लोगो को धान उत्पादन की एरोबिक विधि के बारे में बताएंगे। एरोबिक विधि से धान की खेती करने में कम पानी और कम खर्च में अच्छी फसल लिया जाता है। धान की फसल हमारे देश के सभी राज्यों में प्रमुख रूप से उगाया जाता है। धान की फसल के लिए समशीतोष्ण जलवायु अच्छी होती है। धान की खेती के लिए मटियार एवं दोमट मिटटी अधिक उपयुक्त होती है।
धान की फसल में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी के कारण धान की उत्पादन क्षमता काफी प्रभावित होती है। रोपाई विधि , लई विधि में पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है। आज के इस आर्टिकल में हम धान बोन की एरोबिक विधि के बारे में जानकारी लेकर आये है इस विधि से धान की खेती करने पर 40 से 50 फ़ीसदी कम पानी की आवश्यकता होती है। कम पानी की आवश्यकता होने के कारण खर्च भी कम आता है। धान उत्पादन की एरोबिक विधि से खेती करने पर बहुत से किसान पहले की तुलना में ज्यादा उत्पादन ले रहे है साथ ही उनकी आमदानी में भी अच्छी वृद्धि हो रही है।
धान की एरोबिक विधि से खेती कैसे करें
धान उत्पादन की एरोबिक विधि अन्य विधियों की तुलना में काफी कारगार साबित हो रही है। एरोबिक विधि से कम पानी में ही अच्छी फसल लिया जा रहा है। धान बोने के अन्य पारम्परिक विधियों में जहाँ पुरे समय भरपूर पानी की आवश्यकता होती है। बल्कि एरोबिक विधि में कम पानी में भी अच्छी खेती होती है। एरोबिक विधि में जहाँ पानी की खर्च में कमी आती है उसके साथ ही बीज एवं मजदूरी भी इस विधि में कम आवश्यकता पड़ती है। एरोबिक विधि से खेती करने के लिए अच्छे किस्म के धान का चुनाव करना चाहिए।
- धान की एरोबिक विधि से खेती करने के लिए सबसे पहले गर्मी के मौसम में खेत की जुताई कर देनी चाहिए। खेत की जुताई होने से मिट्टी में वायु का आवागमन होता है जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ – साथ खरपतवार में भी कमी आती है।
- खेत की तैयारी के बाद बरसात आते ही खेत की एक बार और जुताई करें और धान को एक सीध में बुआई अर्थात कतार में बुआई करें।
- धान के खेत को छोटे – छोटे क्यारियों में बाँट ले। छोटे – छोटे क्यांरियों में बांटने से पानी की कम आवश्यकता होती है साथ ही कीट , रोग एवं खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है।
- धान के फसल में नियमित नमी बनाये रखने के लिए टपक विधि से अथवा क्यारियों में पानी छोड़ते रहें। इस विधि से खेती करने में खेत में पानी भरकर रखने की आवश्यता नहीं होती।
एरोबिक विधि से धान की खेती करने के फायदे
- पर्यावरण के लिए यह विधि उपयुक्त है।
- कम बीज की आवश्यकता होती है।
- कम पानी की आवश्यकता होती है।
- बीज की बुआई एक सीध में की जाती है।
- एरोबिक विधि से खेती करने पर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
- पानी की समस्या वाले इलाके में कम पानी में ही इस विधि से आसानी से खेती किया जा सकता है।
- धान की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।
- लागत कम आती है , मुनाफा ज्यादा होता है।
- खाद एवं उर्वरक का उपयोग कम लगता है।
- विभिन्न बिमारियों , कीट , पतंगों से कम खतरा होता है साथ ही बिमारियों के नियंत्रण में आसानी होती है।
- एरोबिक विधि से अधिकतम 38 क्विंटल प्रति एकड़ धान की उत्पादन कम खर्च में किया जा सकता है।
सारांश – धान की खेती करने के एरोबिक विधि की जानकारी हमने दिया है उम्मीद है यह जानकारी आप लोगो को अच्छी लगी हो। एक ओर जहाँ परंपरागत खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है वही इस विधि में परंपरागत खेती के मुकाबले 50 फ़ीसदी तक पानी में भी अच्छी खेती किया जाता है। इस विधि में पानी के अलावा धान के बीज , उर्वरक , खाद , कीटनाशक आदि की कम आवश्यकता पड़ती है। एरोबिक विधि में धान को पुरे खेत में न बोकर इसे कतार में बोया जाता है , जिस कारण से कम बीज में भी अधिक उत्पादन लिया जाता है।
अन्य जानकारी इसे भी अवश्य देखें
संकर धान की खेती कैसे करें , 15 क्विंटल अधिक होगा उत्पादन।
धान की बम्पर पैदावार कैसे लें।
धान के रोगो का उपचार एवं कीटनाशक।
धान के प्रमुख , रोग , कीट , खरपतवार एवं नियंत्रण।
धान की खेती कैसे करें , आधुनिक एवं उन्नत तकनीक।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धान उत्पादन की उन्नत विधि कौन सी है ?
धान उत्पादन की उन्नत तकनीक एरोबिक विधि है , क्योंकि इस विधि में कम पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही साथ अन्य परंपरागत विधि से ज्यादा उत्पादन होता है।
एरोबिक विधि में धान की बुआई कैसे की जाती है ?
एरोबिक विधि में धान की बुआई कतार में की जाती है।
एरोबिक विधि से कितना उत्पादन लिया जा सकता है ?
एरोबिक विधि से उन्नत किस्म के धान से अच्छी तरह से खेती करने पर कम पानी में भी 38 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन लिया जा सकता है।