छ.ग. राज्य में ओपीएस का लाभ मिलना शुरू , शिक्षक एलबी के पत्नी को 10860 मासिक पेंशन स्वीकृत

छ.ग. राज्य में ओपीएस का क्रियान्वयन शुरू – छत्तीसगढ़ में 01 नवम्बर 2004 को या उसके बाद सभी शासकीय अधिकारी – कर्मचारियों के नवीन अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस ) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस ) को बहाल किया गया है। वित् विभाग की 11 मई 2022 और 20 जनवरी 2023 को जारी अधिसूचना अनुसार प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों के द्वारा दिए गए ओपीएस व एनपीएस के विकल्प के आधार पर योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। लगभग 175 केस में पीपीओ जारी किया जा चूका है। वही 2018 में संविलियन प्राप्त शिक्षक एलबी जिनकी मृत्यु 2022 में हुई है उनकी पत्नी को 10860 रु. मासिक पेंशन की स्वीकृति भी हुई है।

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वित्त विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर की गई तैयार

ओपीएस के सन्दर्भ में वित्त विभाग के द्वारा नया सॉफ्टवेयर भी तैयार कर ली गई है। पुरानी पेंशन के योजना का विकल्प लेने वाले शासकीय सेवकों / उनके नॉमिनी (मृत्य के प्रकरणों में) को सेवानिवृत्ति / मृत्यु दिनांक तक जमा शासकीय अंशदान और उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय खाते में जमा किये जाने के बाद सेवा निवृत्त शासकीय सेवकों को लागू पेंशन के प्रावधानों के अंतर्गत पेंशन की पात्रता होने पर पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जारी किया जा रहा है।

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एनपीएस में जमा शासकीय अंशदान और उनके लाभांश को जमा करना होगा

वित्त विभाग के अधिसूचना अनुसार नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 01 नवम्बर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल की गई है। पीएफआरडीए से एनपीएस खाते में जमा राशि राज्य शासन के खाते में प्राप्त नहीं होने के कारण पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति अथवा मृत्यु के प्रकरणों में उनके एनपीएस खाते में जमा शासकीय अंशदान व उस पर आहरण दिनांक को अर्जित लाभांश की राशि शासकीय कोष में जमा करना होगा। उपरोक्तानुसार जमा राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्यों के भुगतान के लिए पृथक निधि में रखा जाएगा।

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पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले शासकीय कर्मचारियों 01 अप्रैल 2022 से जीपीएफ का सदस्य बनाया गया है और वे सामान्य भविष्य निधि नियमों से शासित होंगे। वहीँ 01 नवम्बर 2024 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के अंतर्गत डे होगा। बताया गया है कि 01 नवम्बर 2004 से पुरानी पेंशन योजना लागू होने के दिनांक के मध्य कर्मचारियों की मृत्यु या सेवानिवृत्ति के प्रकरणों में भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र में विकल्प देना होगा। तथा शासकीय अंशदान व उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश को शासकीय कोष में जमा करना होगा।

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ऐसे प्रकरण जिनमे एनपीएस के नियमों के अंतर्गत सेवा निवृत्ति / मृत्यु पर सेवा निवृत्ति लाभ प्राप्त कर लिया गया है , वे भी उल्लेखित प्रक्रिया का पालनकर शासकीय सेवकों को लागू पेंशन नियम के अनुसार पेंशन की पात्रता होने पर शासकीय सेवक पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।

पीएफआरडीए में 19136 करोड़ से अधिक राशि

वित्त विभाग की 11 मई 2022 और 20 जनवरी 2023 की अधिसूचना द्वारा ओपीएस पेंशन के लिए प्रावधान किये गए है। पीएफआरडीए से कुल 19136.81 करोड़ रूपये राज्य सरकार को प्राप्त होना है।

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एनपीएस चुनने वाले कर्मचारियों के वेतन से हो रहा नियमित कटौती

ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस (नवीन पेंशन योजना ) खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित या जीवित रखने के सम्बन्ध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने सम्बन्धी प्रावधान नहीं है। वर्तमान में एनपीएस का चयन करने वाले कर्मचारियों – अधिकारियों के वेतन से ही एनपीएस नियमों के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है।

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175 प्रकरणों में पेंशन भुगतान के आदेश – संचालक कोष व लेखा

प्रदेश में वित्त विभाग के अधिसूचना अनुसार नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 01 नवम्बर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप इसका क्रियान्वयन शुरू हो गया है। कोष एवं लेखा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार 175 प्रकरणों में पेंशन भुगतान के आदेश जारी हो गए है। वहीँ 2018 में संविलियन प्राप्त करने वाले शिक्षक की मृत्यु 2022 में होने के बाद पुरानी पेंशन हेतु उनकी पत्नी ने आवेदन किया था। उक्त मामले में उनकी पत्नी को 10860 रु. मासिक पेंशन की स्वीकृति हो गई है। हालाँकि मृत्यु के मामले को छोड़कर अन्य मामले में ओपीएस के लिए 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य है।

कर्मचारियों को मिल रहा लाभ

फेडरेशन व कर्मचारी संगठनों द्वारा आंदोलन कर राज्य में ओपीएस लागू कराया गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एनपीएस के स्थान पर पूर्व की भांति ओपीएस लागू किया। जिसका अब सफल क्रियान्वयन शुरू हो गया है। साथ ही इस योजना का लाभ भी शुरू हो गई है। ओपीएस के नए प्रकरणों में 175 केस मंजूर किये गए है।

सारांश – आज के इस आर्टिकल पर हमने पुरानी पेंशन भुगतान के सन्दर्भ में जानकारी उपलब्ध कराया है। राज्य में एनपीएस के स्थान पर ओपीएस लागू होने के बाद 175 केस में पेंशन भुगतान के आदेश जारी हो चुके है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि एनपीएस खाते में जमा शासकीय अंशदान और उसके लाभांश को कर्मचारियों के द्वारा शासकीय कोष में जमा करने पर ही ओपीएस का लाभ मिलेगा। ज्ञात हो कि पीएफआरडीए ने राशि लौटाने से इंकार कर दिया है। जिस कारण से शासकीय कोष में सम्बंधित कर्मचारियों को उक्त राशि को जमा करने होंगे।

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