रायपुर – राज्य में महंगाई भत्ता को लेकर कर्मचारी संगठन एकबार फिर पुनः एकजुट होने लगे है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य के 5 लाख शासकीय कर्मचारियों को मोदी गारंटी के तहत केंद्र के बराबर देय तिथि से महंगाई भत्ता और एरियस मिलने की उम्मीद थी। लेकिन कर्मचारियों को पूर्ववर्ती सरकार की भांति सत्ता परिवर्तन के बाद भी महंगाई भत्ता और एरियस का लाभ केंद्र के बराबर नहीं मिल रहा है। यहीं कारण है कि एक बार फिर राज्य के कर्मचारी महंगाई भत्ता के लिए आंदोलन की और अग्रसर हो रहे है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बीते दिनों इंद्रावती भवन नया रायपुर में आयोजित बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने चुनाव के दौरान राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों को केंद्र के सामान देय तिथि से डीए व एरियस भुगतान को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। मोदी की गारंटी को पूरा कराने के लिए प्रदेश के समस्त संगठनों से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले संघर्ष करने का आह्वान किया गया है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला व मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने संयुक्त मोर्चा की बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रान्त अध्यक्षों एवं प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले 7 माह से सभी कर्मचारी संगठनों ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री , वित्त मंत्री सहित प्रमुख जन प्रतिनिधियों से संपर्क कर केंद्र के सामान महंगाई भत्ता देने का मांग किया है।
केंद्र व अन्य राज्य से 04 फ़ीसदी पीछे राज्य के कर्मचारी
छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को केंद्र सरकार और अन्य कई राज्यों के तुलना में 04 फीसदी कम महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि भाजपा सरकार ने चुनाव के ठीक पहले अपने मोदी गारंटी के तहत राज्य के सभी शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों को केंद्र के बराबर और देय तिथि से महंगाई भत्ता देने का वादा किया है। लेकिन कर्मचारियों के लिए वर्तमान सरकार ने मोदी गारंटी की एक बात को भी अभी तक लागू नहीं कर पाई है। केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता नहीं मिलने से राज्य के 5 लाख शासकीय कर्मचारी अधिकारी और डेढ़ लाख पेंशनर काफी आक्रोशित है।
जुलाई में नहीं मिला डीए , तो अगस्त से आंदोलन शुरू
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 22 जुलाई से विधानसभा सत्र को देखते हुए संयुक्त मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री , वित्त मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से मिलकर अपनी मांग रखेगा। यदि जुलाई माह के अंत तक सरकार ने डीए की घोषणा नहीं किया तो आगामी अगस्त माह से आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी।
बैठक को प्रमुख रूप से कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला , मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत , प्रदेश कर्मचारी अधिकारी संघ के प्रान्त अध्यक्ष करण सिंह अटेरिया , लिपिक वर्ग के कर्मचारी संघ के प्रान्त अध्यक्ष संजय सिंह , कोषालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र सिंह ठाकुर सहित अन्य संगठन प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।