धान बेचने के लिए ऐसे पंजीयन करें

छत्तीसगढ़ किसान पंजीयन – यदि आप एक किसान है तो यह जानकारी आपके लिए ही है। आज के इस आर्टिकल पर हम एकीकृत किसान पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी साझा कर रहे है। एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकृत किसानों का ही राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान , मक्का , बाजरा या अन्य फसलों को ख़रीदा जाता है। आज के इस आर्टिकल पर हम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने के लिए कौन सा फार्म भरा जाता है उसकी जानकारी यहाँ विस्तार से बता रहे है।

क्या आप एक छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसान है और अपने अभी तक समर्थन मूल्य पर धान सहित अन्य फसलों को विक्रय करने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन नहीं किया है तो धान विक्रय करने से वंचित हो सकते। है अंतिम तिथि से पहले सभी किसानों का पोर्टल में पंजीकृत होना आवश्यक है। पिछले विपणन वर्ष में 2687442 किसान पंजीकृत हुए थे। पंजीकृत लगभग सभी किसानों ने राज्य सरकार को समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया। आज के इस आर्टिकल पर हम एकीकृत किसान पोर्टल और किसान पंजीयन से सम्बंधित जानकारी साझा कर रहे है।

एकीकृत किसान पोर्टल का उद्देश्य

  • कृषकों का आसान एवं सुगम पंजीयन।
  • विभिन्न योजनाओं हेतु एक ही बार कृषक पंजीयन।
  • योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण में आसानी।
  • सटीक एवं त्वरित डाटा की प्राप्ति।
  • वास्तविक हितग्राही को लाभान्वित करना एवं हितग्राहियों के दोहराव को रोकना।

पंजीयन की पात्रता

  • समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक को पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी।
  • मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वन पट्टा धारक, ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने उपलब्ध भूमि में वृक्षारोपण करते हैं, उन्हें पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी।

पंजीयन की प्रक्रिया एवं आवेदन फार्म

  • कृषक को कृषक उन्नति योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन तथा कोदो, कुटकी एवं रागी उर्पाजन योजना का लाभ लेने हेतु इन योजनाओं के दिशा-निर्देश अनुसार पात्र कृषक को निर्धारित समयावधि में एकीकृत किसान पोर्टल (https://kisan.cg.nic.in) पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
  • आवेदन स्वीकृत/अस्वीकृत होने की जानकारी कृषक को SMS के माध्यम से दी जाएगी। पंजीयन उपरांत प्रत्येक कृषक को एक यूनिक आईडी दिया जाएगा।
  • संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नंबरदार के नाम से अथवा समस्त खाता धारकों द्वारा नामित व्यक्ति के नाम से अथवा सभी खातेदारों की सहमति से हिस्सेदारी अनुसार अलग-अलग किया जा सकेगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाता धारकों की सहमति सह स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
  • संस्थागत/रेगहा/बटाईदार/लीज(Lesses)/डुबान क्षेत्र के कृषकों का पंजीयन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत् किया जावेगा। इस हेतु पोर्टल में पृथक से लिंक दिया जाएगा।
  • पोर्टल में खरीफ मौसम की कृषि फसल, उद्यानिकी फसल तथा वृक्षारोपण करने वाले कृषको का पंजीयन किया जाएगा।
  • खरीफ 2020 में धान उपार्जन हेतु पंजीकृत/विक्रय किये गये रकबा पर ही धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषको का पंजीयन किया जाएगा।
  • कुल धारित रकबे के अधीन बोये गये समस्त फसल हेतु कृषक को ग्रामवार आवेदन करना होगा। कृषक को बोए गए फसल के रकबे की जानकारी खसरावार देनी होगी।
  • यदि कृषक द्वारा कृषि भूमि का क्रय/विक्रय किया जाता है तो गिरदावरी की अंतिम तिथि तक भूइया पोर्टल में प्रदर्शित कुल रकबा के अधीन संबंधित कृषक का पात्रता निधारित की जाएगी।
  • संबंधित मौसम में भुंइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े तथा कृषक के आवेदन में अंकित फसल व रकबे, में से न्यूनतम फसल व रकबे को विभिन्न योजनाओ हेतु मान्य की जाएगी।
  • पंजीकृत किसानों के डेटाबेस को आगामी वर्षाें में उपयोग हेतु कैरी फरवर्ड किया जाएगा। कृषक जो, गतवर्ष के पंजीकृत डेटा में संशोधन नहीं कराना चाहते उन्हें चालू वर्ष में पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु यदि पूर्व में पंजीकृत कृषक किसी कारण से पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर संशोधन करा सकते हैं।

आवेदन फार्म या संसोधन फार्म यहाँ डाउनलोड करें।

  • धान उपार्जन योजना एवं बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत् धान उपार्जन के दोहराव को रोकने के लिए पोर्टल में (Seed Production Module) तैयार किया जाएगा। प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेने वाले कृषकों को छ.ग. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रुप से पंजीयन कराना होगा।
  • पोर्टल में पंजीयन हेतु कृषक कोे आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रुप से देना होगा। हितग्राही कृषकों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नहीं है, तो मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे कृषको को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। आधार नंबरों की गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी।

विस्तृत दिशा निर्देश डाउनलोड करें।

  • पोर्टल में डूप्लीकेसी को रोकने के लिए आधार नंबर को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से सत्यापन किया जायेगा तथा वास्तविक हितग्राही को ही लाभान्वित करने हेतु कृषकों के बैंक विवरण का PFMS से सत्यापन कराया जायेगा।
  • कृषि फसल लगाने वाले कृषक के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा। किन्तु यदि कोई कृषक उद्यानिकी फसल/वृक्षारोपण करता है अथवा कृषि फसल के साथ उद्यानिकी अथवा वृक्षारोपण करता है तो ऐसे कृषकों के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी में से किसी एक द्वारा किया जाएगा।
  • पोर्टल पर कृषक के आवेदन का ऑनलाइन सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी को अनिवार्य रुप से करना होगा, तत्पश्चात् ही कृषक का पंजीयन संबंधित सहकारी समिति द्वारा किया जा सकेगा।
  • फसल के रकबा निर्धारण हेतु भुंइया पोर्टल में संधारित भूमि/गिरदावरी के आंकड़ों को ही अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा।
  • सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार, बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से संकलित की जाएगी।
  • गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि/भिन्नता होने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रक्रिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
  • पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार सर्व संबंधितों द्वारा सत्यापन/पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी।

आवेदन फार्म या संसोधन फार्म यहाँ डाउनलोड करें।

विस्तृत दिशा निर्देश डाउनलोड करें।

फ्री सिलाई मशीन हेतु ऐसे आवेदन करें।

पीएम आवास की नया लिस्ट जारी , देखें अपना नाम।


Leave a Comment